उत्तर प्रदेश में सोमवार को होने वाले राज्यसभा चुनाव को लेकर सियासत तेज हो गई है. रविवार को लखनऊ में समाजवादी पार्टी के ऑफिस में चुनाव के संबंध में विधायकों की एक अहम बैठक बुलाई गई थी. बताया जा रहा है कि बैठक में सपा के 7 विधायक नहीं पहुंचे. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी बैठक से गायब रहने वाले विधायकों से लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रही है.
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में सपा के जिन सात विधायकों के नहीं पहुंचने की खबर सामने आई है उसमेंविनोद चतुर्वेदी, राकेश पांडे, पूजा पाल, इंद्रजीत सरोज, अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह, पंकज पटेल, महाराजी प्रजापति और मनोज पांडे शामिल हैं. फिलहाल पार्टी इन विधायकों से संपर्क करने की कोशिश कर रही है.
राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग से ठीक पहले सपा प्रमुख और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सभी विधायकों की एक और बैठक बुलाई है. इस बैठक में अखिलेश यादव अपने विधायकों के सामने चुनाव को लेकर स्थिति स्पष्ट करेंगे. इस बैठक में अखिलेश यादव अपने विधायकों को बताएंगे कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं.
चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी की ओर से तीन उम्मीदवारों की घोषणा की है. इन तीन उम्मीदवारों में से दो की जीत पक्की मानी जा रही है, लेकिन एक को लेकर पेंच फंसा हुआ है. कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव तीनों उम्मीदवारों की जीत के लिए खुद ही फिल्डिंग सजा रहे हैं. इसी कड़ी में उन्होंने कल सुबह विधायकों की बैठक बुलाई है.
क्या कहता है यूपी में वोटों का गणित?
यूपी में 403 सीटें हैं, लेकिन वर्तमान में वोट देने योग्य उम्मीदवार 399 हैं, इस लिहाज से देखेंगे तो यूपी में एक राज्यसभा उम्मीदवार को जीतने के लिए कम से कम 37 वोट चाहिए होंगे. वर्तमान में सत्ताधारी एनडीए के पास 288 वोट हैं, इसमें दो वोट राजा भैया की पार्टी के भी शामिल हैं, वह एनडीए का हिस्सा तो नहीं हैं, लेकिन एनडीए की मोक पोलिंग में पहुंचकर उन्होंने ये जता दिया कि उनके दो वोट एनडीए के ही खाते में जाने वाले हैं.
अखिलेश यादव के सामने चुनौती
यानी एनडीए के 7 उम्मीदवार 259 वोटों में ही जीत जाएंगे. इसके बाद जो वोट बचेंगे उनसे आठवीं सीट जीतने का प्रयास होगा. सपा गठबंधन की बात करें तो उनके पास वर्तमान में 110 विधायक हैं. सपा को तीन सीटें जीतने के लिए 111 वोटों की आवश्यकता है, मुसीबत ये है कि सपा के इरफान सोलंकी समेत दो विधायक जेल में है. उन्हें अब तक वोट डालने का अधिकार नहीं मिला है. ऐसे में सपा को बगावत बचाने के साथ-साथ दो वोट का जुगाड़ करना है.